आदरणीय अभिभावक,
नाबालिगों को निशाना बनाने वाले *साइबर अपराध, ऑनलाइन घोटालों और डिजिटल शोषण* में चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए, स्कूल प्रबंधन आपसे आग्रह करता है कि बच्चों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखें।
### महत्वपूर्ण सुझाव:
1. *आयु प्रतिबंध*
- *16 वर्ष से कम आयु के बच्चों* को फेसबुक, इंस्टाग्राम, आदि पर अकाउंट बनाने की अनुमति न दें। ये प्लेटफ़ॉर्म बच्चों को ग्रूमिंग, आईडी चोरी जैसे गंभीर खतरों में डालते हैं।
2. *सक्रिय निगरानी*
- यदि बच्चा सोशल मीडिया उपयोग करता है:
- *रोज़ाना उसकी गतिविधियाँ जाँचें।*
- *उसके पासवर्ड और प्राइवेसी सेटिंग्स* जानें।
- *पैतृक नियंत्रण (पेरेंटल कंट्रोल)* सक्षम करें (स्क्रीन टाइम सीमा, कंटेंट फ़िल्टर आदि)।
3. *मोबाइल सुरक्षा*
- बच्चों को *बिना निगरानी के मोबाइल/टैबलेट का उपयोग न करने दें।*
- *इंस्टॉल ऐप्स की जाँच करें* और अनधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट अवरुद्ध करें।
### यह क्यों ज़रूरी है:
- *साइबर अपराध चरम पर है* - नकली ऑफ़र्स, फ़िशिंग लिंक आदि के माध्यम से बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।
- *मानसिक स्वास्थ्य जोखिम*: साइबरबुलिंग, अवास्तविक शारीरिक मानकों का दबाव और डिजिटल लत बढ़ रही है।
- *कानूनी परिणाम*: 13 वर्ष से कम आयु में अकाउंट बनाना प्लेटफ़ॉर्म नीतियों और कानूनों का उल्लंघन है।
### हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी:
- बच्चों को *ऑनलाइन खतरों के बारे में शिक्षित करें*।
- *ऑफ़लाइन गतिविधियों* (खेल, पढ़ाई, पारिवारिक समय) को प्रोत्साहित करें।
- संदिग्ध गतिविधि तुरंत *प्लेटफ़ॉर्म या प्रशासन को रिपोर्ट करें*।
*बच्चों की सुरक्षा की पहली रक्षा पंक्ति आपकी सतर्कता ही है।*
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"सुरक्षित बचपन के लिए मिलकर कदम बढ़ाएँ"